विश्वास उठ सा गया है,

विश्वास उठ सा गया है,
अब तो इंसानियत से मेरा,
जबसे तड़पते हुए देखा है,
बेजुबान को जिंदगी के लिए,
आखरी सांस तक उसे था,
भरोसा आदम जात पर,
आदम जात मुंह सिकोड़,
अनदेखा उसे करता गया,
थक कर उसने खुदा से,
अपनी खुदकुशी मांग ली.....

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