हमारी ज़िंदगी है रात जैसी,

हमारी ज़िंदगी है रात जैसी,
अधूरे सपनों की सौगात लिए,
खुले जज़्बात और अधूरी बात जैसी,
अधूरेपन को हमसे रूबरू कराती हुई,
हमारे अधूरे इश्क़ के ख़्वाब जैसी,
मायूसी को अपने साथ लिए,
हमारी ओर भागती हुई.....

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