ये अकेला सफ़र,
ये अकेला सफ़र,
मेरी ज़िंदगी का मुझे साथ लेकर चलने लगा है
चलते चलते अंजान रास्तों पर मेरा सफ़र मेरी
ख़ामोशी से बात अपने दिल की करने लगा
पकड़कर हाथ मेरा सफ़र मेरा आगे बढ़ता रहा
छूने अपने ख्वाइशों के आसमां को उड़ने लगा है
पहचानने लगा है मेरा सफ़र मंजिलों को मेरी
ढूंढने लगा रास्ता खुद ब खुद मुझे मंज़िल तक
मेरी पहुंचाने लगा है चलता रहेगा कारवां मेरा
और मेरे सफ़र का और वो भी उम्रभर...
Comments
Post a Comment