अभी अभी तो मिले थे

वो मुझसे और मोहोब्बत मुझसे बेपनाह कर बैठे, पल दो पल में ही अपनी मोहोब्बत का दरिया मेरे नाम कर बैठे, मैंने तो अभी तक उनको ठीक से जाना भी नही और वो हैं के अपनी सुबह और शाम मुझे समझ बैठे, अभी अभी तो मिले थे हम उनसे और वो मुझ नाचीज को अपना खुदा समझ बैठे, पूछते है क्या तुम भूल गए उन्हे क्या पता के अब वो मेरी हर दुआ की फ़रियाद बन बैठे....

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