ख़ूबसूरत है ये जहाँ,

ख़ूबसूरत है ये जहाँ,
मौसम भी बहुत सुहाना है
भरकर तुम्हे आगोश में अपने
एक मीठा सा गीत गुनगुनाना है
बैठकर इस खुले आसमां के नीचे
करनी तुमसे बातें बहुत हैं और 
ढूंढती है निगाहें मेरी खुशी को
खुदा जाने के मेरी खुशी 
और तुम हो कहाँ!

Comments

Popular posts from this blog