एक हद तक,

एक हद तक,
उनकी चाहत मेरी,
कमज़ोरी हुआ करती थी,
देता था मिसाल दुनियां को,
उनकी बेपनाह मोहब्बत की,
आज दूर कर बैठा हूं,
उनको जिंदगी से अपनी,
शायद उन्हे मेरी मोहब्बत का,
एहसास ही नही था।

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